वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />१० मई, २०१७<br />अद्वैत बोधस्थल, नोएडा<br /><br />दोहा:<br />डर करनी डर परम गुरु, डर पारस डर सार।<br />डरता रहै सो उबरै, गाफिल खावै मार।। (संत कबीर)<br /><br />प्रसंग:<br />डर क्या है?<br />डर से मुक्ति कैसे पाये?<br />मन को साफ कैसे रखें?<br />"डर करनी डर परम गुरु, डर पारस डर सार। डरता रहै सो उबरै, गाफिल खावै मार" इस दोहे का क्या अर्थ है?<br />संत कबीर डर को उचित क्यों बता रहें है?<br />गाफिल का क्या अर्थ है?